कविता
चुनरी हरी उढानी है

Updated on 19 August, 2018, 7:00
विवेक रंजन श्रीवास्तव
रोप पोस कर पौधे, अनगिन हरे भरे
अपनी जमीं को चूनर, हरी ओढ़ानी है
होंगे संकल्प सारे हमारे फलीभूत
हम प्रयास तो करें, सफलता आनी है
जब खरीदा, इक सिलेंडर आक्सीजन
तब वृक्षों की कीमत उसने जानी है
जहाँ अंकुरण बीजों का है संभव
ब्रम्हाण्ड में सारे , धरा यही वरदानी है
घाटियां गहराईयां , ऊँचाईयां... आगे पढ़े
वक्त बहुत गुजारा मैनें...

Updated on 20 April, 2017, 23:45
वक्त बहुत गुजारा मैनें, खो दिया वो समय कुछ ही क्षण मे|
वक्त का कैहर देखो मुझपर क्षण क्षण भारी सा है शहर में |
खुली किताब न ज़िंदगी की पृष्ठ रंग देखा हर क्षण,
वक्त भी सलाह करता नही किसी से बदल गया एक क्षण में |
मुठ्ठी मे बंदकर समय रखा था,... आगे पढ़े
ये सितारों से भरा आसमा इतना खमोश क्यों है,

Updated on 27 August, 2016, 20:37
ये सितारों से भरा आसमा इतना खमोश क्यों है,
ये चाँद सा चेहरा इतना खमोश क्यों है ।
तेरी चँचलता दिखती है मुझे तेरी आँखों मे,
तेरी नादानियाँ दिखती है मुझे तेरी बातों में।
तू हँसती है खिलखिला कर, लेकिन तेरा मन इतना खमोश क्यों है।
क्या हुनर है तुझमें खुद का गम छुपाकर औरों... आगे पढ़े
"हाॅर्न धीरे बजाओ मेरा 'देश' सो रहा है"...!!!

Updated on 9 August, 2016, 10:29
एक ट्रक के पीछे लिखी
ये पंक्ति झकझोर गई...!!
"हाॅर्न धीरे बजाओ मेरा 'देश' सो रहा है"...!!!
उस पर एक कविता इस प्रकार है कि.....
'अँग्रेजों' के जुल्म सितम से...
फूट फूटकर 'रोया' है...!!
'धीरे' हाॅर्न बजा रे पगले....
'देश' हमारा सोया है...!!
आजादी संग 'चैन' मिला है...
'पूरी' नींद से सोने दे...!!
जगह मिले वहाँ 'साइड' ले ले...
हो 'दुर्घटना'... आगे पढ़े
शिकायत करूँ तुझसे या तेरा शुक्रिया करूँ

Updated on 8 July, 2016, 18:51
शिकायत करूँ तुझसे या तेरा शुक्रिया करूँ।
कभी आसमां दिखा देता है,और कभी जमी पर गिरा देता है।
अकसर ये तेरी इनायत का तुफान मुझे,किनारे से मजधार पर ला देता है।
कभी छमछम करती बारिश तन को भिगा जाती है,
तो कभी चिलचिलाती धूप से मन को जला देता है।
अकसर ये तेरी इनायत का... आगे पढ़े
काशी के चंदन में है मदीने की वो खुशबू।

Updated on 6 October, 2015, 14:13
काशी के चंदन में है
मदीने की वो खुशबू।
दुनिया की हर रौनक को
मैं नाम तुम्हारे कर दूं।
वो मुट्ठी भर उम्मीदें
वो गहरे गम के साए।
वो छितरी धूप सुनहरी
और लंबी-लंबी राहें।
लब पर नाम हो रब का
जब सफर खत्म हो जाए।
तेरी मिट्टी पाक मदीने
तेरा कण-कण पावन काशी।
जन्नत को मैं क्या चाहूं
बस नाम तुम्हारा कह... आगे पढ़े
- मुझे खाना पकाने की तुलना में बेकिंग करने का शौक : दीपिका पादुकोण
- अपनी 17 साल की लव चाइल्ड पर पानी की तरह पैसा बहाते हैं पुतिन, एलेक्सी नावलनी का दावा
- पिछले एक दशक में भारत ने अपने क्रिकेट ढांचे में जो निवेश किया, अब दिखने लगे उसके नतीजे : जहीर अब्बा
- उत्तराखंड: पंचाचूली बेस कैंप मार्ग पर ग्लेशियर खिसका, चीन सीमा का रास्ता बंद
- फिल्म 'पठान' से होगी शाहरुख की वापसी
- भारत की वैक्सीन डिप्लोमेसी जीत रही दिल, अब WHO चीफ ने की तारीफ
- चीन में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के नए स्ट्रेन से 1000 सुअर संक्रमित हुए
- रवि शास्त्री के जेहन में जन्मी थी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को लेग साइड गेंदबाजी करने की योजना : भर
- एलेक्सी नवेलनी की रिहाई के लिए माइनस 50 डिग्री तापमान में भी रूस के लोग कर रहे प्रदर्शन, हजारों गिर
- पटियाला में किसानों ने रोकी फिल्म की शूटिंग, कहा- कृषि कानूनों की वापसी तक नहीं होने देंगे
- जो बाइडन के शपथग्रहण में तैनात 150 से ज्यादा नेशनल गार्ड कोरोना पॉजीटिव, संख्या बढ़ने का डर
- जहरीली शराब से MP में 9 महीने में 38 मौत:
- नए टीके से भविष्य में मिल सकती है मदद
- देश में 3006 केंद्रों से होगी कोरोना टीकाकरण की शुरुआत
- अलर्ट पर अमेरिका
- दिल्ली समेत देश के कई इलाकों में कोहरे की घनी चादर, कड़ाके की ठंड ने लोगो किया बुरा हाल
- चीन के चंगुल में फंस नेपाल ने रिश्ते बिगाड़े, मगर भारत ने संकट में 10 लाख वैक्सीन देकर दिखाया बड़ा द
- आखिर कब तक चीन की 'जी हुजूरी' करेगा पाकिस्तान? भारत ने पड़ोसियों को दी फ्री वैक्सीन, पर ड्रैगन ने पा
- अमेरिका-ताइवान में बढ़ती दोस्ती से तिलमिलाया ड्रैगन, चीन बोला, 'आग से मत खेलो'
- भारत-चीन गतिरोध: संसदीय समिति में जयंशकर और राहुल गांधी के बीच हुई तीखी बहस