प्रयागराज । प्रयागराज में जिला अदालत ने एक बहू को उम्रकैद की सजा सुनाई है, बहू ने घरेलू कलह और खुन्नस की वजह से अपनी सास पर सोते समय तेजाब डाल दिया था। साल 2004 के सनसनीखेज मामले में 20 साल बाद आरोपित बहू माधुरी कुशवाहा को दोषी पाकर कोर्ट ने आजीवन सश्रम कारावास और 40,000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई।
20 साल बाद आए फैसले पर मारी गई सुदामा देवी के बेटे और बेटी को जीत मिली है जिन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपनी मां की कातिल को सजा दिलाई। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सुदामा देवी के पुत्र और पुत्री यानी मोनू और पूजा कुशवाहा को अर्थदंड का 90 प्रतिशत दिया जाए। यह फैसला सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने आरोपिता के अधिवक्ता एवं जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र व बालकृष्ण मिश्र को सुनकर एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूत का अवलोकन करने के बाद दिया।
मुकदमा दर्ज कराने वाले मोनू कुशवाहा निवासी नया पुरवा करेली ने मामला दर्ज कराया था कि 20 मई 2004 की रात को उसकी मां सुदामा देवी छत पर सो रहीं थीं तभी अचानक उसकी भाभी माधुरी ने रंजिश वर्ष चेहरे व शरीर पर तेजाब डालकर जला दिया। इससे मां पूरी तरह जल गई थीं। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। कोर्ट ने सजा सुनाने से पहले छह गवाहों का बयान दर्ज किया। कई बार गवाही हुई। बहस, जिरह का मौका मिला। इन गवाहों में मोनू कुशवाहा, पूजा, डॉ. हरीशचंद्र, डॉ. जेएलएम कुशवाहा, राम आसरे, सत्यनारायण सिंह रहे। बताते हैं कि बहू मधुरिमा का सास से बहुत ज्यादा झगड़ा होता था। दोनों के बीच आए दिन कहासुनी होती थी। इससे घरेलू कलह बढ़ती जा रही थी।