अयोध्या में भगवान शिव की 101 फीट ऊंची प्रतिमा बनेगी आस्था का नया प्रतीक

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान भोलेनाथ की 101 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह विशालकाय प्रतिमा श्री राम राष्ट्रीय सेवा ट्रस्ट की ओर से परिक्रमा मार्ग पर मौनी बाबा के पास श्री रामकृष्ण कृपा धाम में लगाई जाएगी. अक्षय तृतीया के मौके पर इसका भूमि पूजन संपन्न हो चुका है और अब इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा. महादेव की यह मूर्ति सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक नहीं होगी, बल्कि यह श्रद्धालुओं के लिए सेवा और समर्पण का केंद्र भी बनेगी.
वृंदावन की तर्ज पर अयोध्या में भी ट्रस्ट श्रद्धालुओं को फ्री सेवाएं प्रदान करेगा. यह सेवा क्षेत्र लगभग 21 हजार वर्ग फीट में फैला होगा, जिसमें कई जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. यहां निशुल्क अन्न क्षेत्र की व्यवस्था की जाएगी, जहां श्रद्धालुओं को 24 घंटे मुफ्त भोजन मिलेगा. इसके अलावा फ्री एंबुलेंस सेवा, आपातकालीन स्वास्थ्य सुविधा और रहने की फ्री व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी.
शिव-राम एकता का प्रतीक
यह पहल अयोध्या को न सिर्फ धार्मिक नजरिए से समृद्ध बनाएगी, बल्कि यहां आने वाले भक्तों को सेवा, सुरक्षा और सुविधा का अनुभव भी देगी. राम दरबार के पास शिव की यह विशाल प्रतिमा श्रद्धा, शक्ति और सेवा का संगम होगी. इस आयोजन के प्रमुख संयोजक राजकुमार दास और महंत राम वल्लभा कुंज अयोध्या धाम के अधिकारी महंत ने बताया कि इस प्रतिमा के जरिए अयोध्या में शिव-राम एकता का प्रतीक खड़ा किया जा रहा है.
खाटू श्याम जी की भी मूर्ती स्थापित
उन्होंने कहा कि राम के नाम की गूंज के साथ शिव की महिमा अब और भी व्यापक रूप में महसूस की जा सकेगी. महादेव की यह मूर्ति भक्तों को आकर्षित करने के साथ-साथ अयोध्या के धार्मिक पर्यटन को भी एक नई ऊंचाई देगी. आने वाले समय में यह स्थान भक्ति और सेवा का नया केंद्र बनकर उभरेगा. अयोध्या में भोलेनाथ की प्रतिमा के साथ-साथ खाटू श्याम जी की भी मूर्ती स्थापित की जाएगी.
अधिकारियों की एक बैठक
श्री राम वल्लभा कुंज में ट्रस्ट के अधिकारियों की एक बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता राजकुमार दास ने की. ट्रस्ट के प्रधान अध्यक्ष बृजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भगवान भोलेनाथ की मूर्ति के साथ-साथ खाटू श्याम जी की मूर्ति भी अयोध्याम में स्थापित होगी. यह जयपुर में बन रही है. ट्रस्ट के महामंत्री बालकृष्ण अग्रवाल ने बताया कि आश्रम में 125 कमरे होंगे.