मथुरा। बहुजन समाज पार्टी का दावा है कि वो पूरी ताकत से चुनाव लड रही है। इसलिए लोकसभा की ज्यादा से ज्यादा सीटें बसपा को मिलने वाली हैं। इसी भरोसे के साथ पार्टी के राष्ट्रीय कोआर्डीनेटर आकाश आनन्द ने जनता से अपील की कि पार्टी अध्यक्ष मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के लिए बसपा के प्रत्याशियों को ज्यादा से ज्यादा तादाद में विजयी बनाएं। जमुनापार स्थित एक चुनावी सभा में उन्होंने बहरूपियों से सावधान रहते हुए कहा कि वे उनसे लड़े नही मगर सतर्क अवश्य रहें क्योंकि समय आने पर उनकी कलई अपने आप खुल जाएगी। ये ऐसे लोग हैं जो समाज के लोगों को भटकाकर दूसरे को वोट देने के लिए कह सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, कांग्रेस, सपा समेत 25 राजनैतिक दलों ने साढ़े 16 हजार करोड़ का चन्दा लिया पर बसपा ने एक पैसा भी नहीं लिया।
बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डीनेटर का कहना था कि भाजपा सरकार साल में 12 हजार का मुफ्त राशन दे रही है लेकिन युवकों को नौकरी से दूर रख रही है जबकि एक युवक नौकरी से र्ढाइ लाख रूपए साल में कमा सकता है। बेरोजगारी का यह आलम है कि पीएचडी प्राप्त लोग भी चतुर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं। महंगाई बढ़ती ही जा रही है पर उस तरफ ध्यान न देकर संविधान बदला जा रहा है। उनका कहना था कि राम मन्दिर बनना अच्छी बात है पर अकेले धर्म से पेट नही भरता।उन्होंने 60 साल में बहुजन समाज के लिए कोई काम न करने, बाबा साहब को सम्मान न दिलाने आदि के लिए कांग्रेस की आलोचना की तो सपा को गद्दार बताते हुए कहा कि इस दल ने बहुजन समाज के वोट तो ले लिए पर उनके लिए कुछ भी नही किया। इससे पहले पूर्व मंत्री श्यामसुन्दर शर्मा एवं मथुरा लोकसभा से बसपा प्रत्याशी सुरेश सिंह ने भी सभा को संबोधित किया। आकाश आनन्द ने भाजपा से पूछा कि उसने शिक्षा, सुरक्षा और रोजगार के लिए पिछले 10 साल में क्या किया। उनका कहना था कि खाली पेट धर्म नहीं जानता। उन्होंने प्रधानमंत्री से बिना नाम लिए पूछा कि उनके महंगाई को कम करने तथा ढाई करोड लोगों को हर साल नौकरी देने के वायदे का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में महंगाई आसमान को छू रही है। युवकों के अरमानों को तोड़ा जा रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर आउट हो जाने के बहाने उन्हें नौकरी से दूर रखा जा रहा है। शिक्षा का हाल है कि आज 25 प्रतिशत स्कूलों में या तो कम्प्यूटर नहीं हैं या फिर उसके शिक्षक नहीं है और डिजिटल इण्डिया की बात की जा रही है।