रिहैबिलिटेशन के समय मानसिक बाधाओं से निपटना रहा सबसे कठिन : राहुल
कोलंबो । विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल ने कहा है कि सर्जरी के बाद टीम में वापसी उनके लिए आसान नहीं रही है। राहुल के अनुसार रिहैबिलिटेशन से गुजरने के दौरान उनके लिए लिए सबसे बड़ी चुनौती मानसिक बाधाओं से निपटना थी। राहुल इंडियन प्रीमियर लीग ( आईपीएल) के दौरान लगी चोट के बाद से ही टीम से बाहर थे। इसी कारण इस बल्लेबाज को
बेंगलुरू में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन के दौर से भी गुजरना पड़ा। एक वीडियो में राहुल ने कहा, ‘कई बार आप मानसिक लड़ाई भी लड़ते हो जहां आप हमेशा सोचते हो कि मुझे दर्द हो सकता है और जब आप इस मानसिकता में होते हो तो कौशल पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। उन्होंने कहा, ‘इसलिए सबसे बड़ी चुनौती चीजों से जुड़े इस डर और दर्द से पार पाना होती है। राहुल ने कहा कि विकेटकीपिंग के लिए जांघ में काफी मजबूती की जरूरत होती है और रिहैबिलिटेशन से गुजरते समय उनके मन में सबसे बड़ा सवाल यह था कि इतनी बड़ी सर्जरी के बाद वह दोबारा इस भूमिका के लिए फिट हो पायेंगे। उन्होंने कहा, ‘बड़ी बात यह थी कि मैं अपने शरीर को लेकर आत्मविश्वास महसूस करूं और उन अवसरों पर दर्द से मुक्त रहूं जिनमें बहुत अधिक जोर लगाने की आवश्यकता होती है। विशेषकर, मुझे पता था कि वापस आकर मुझे विकेटकीपिंग भी करनी होगी। राहुल ने कहा, ‘और यह फिजियो और मेरे लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक था, मेरे दिमाग में एक बड़ा सवाल था कि जांघ की चोट के कारण वापसी करते हुए मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती विकेटकीपिंग होगी।
उन्होंने कहा, ‘जब आप विकेटकीपिंग करते हैं तो हर गेंद पर आपको झुककर बैठना होता है। तो आपको अपनी जांघ में बहुत अधिक ताकत की आवश्यकता होती है। इस दौरान इस बात की जरूरत होती है कि आपका शरीर आपका समर्थन करे और आप दर्द मुक्त रहें। राहुल ने उन फिजियो के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कठिन दौर में उनका मार्गदर्शन किया।