वैज्ञानिकों ने सुलझा लिया समुद्री अर्चिन की मौत का रहस्य
फ्लोरिडा । लंबे समय के शोध के बाद ऐसा लगता है कि वैज्ञानकों की टीम ने समुद्री अर्चिन की मौत का रहस्य सुलझा लिया है और उनकी मौत के जिम्मेदार का भी पता लगा लिया है। वैज्ञानिकों ने अर्चिनों के मौत के लिए एक कोशिका वाले पैरासाइट ‘सिलियेट्स’ को जिम्मेदार बताया।
एक ताजा शोध में शोधकर्ताओं ने बताया कि बड़े पैमाने पर अर्चिन की मौत के लिए एक छोटे से एकल-कोशिका वाले परजीवी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। दक्षिण फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में एक समुद्री सूक्ष्म जीवविज्ञानी और इस अध्ययन के लेखक माया ब्रेइटबार्ट ने बताया कि ‘अब ये केस बंद हो गया है।’ ये लंबी रीढ़ वाली समुद्री अर्चिन, या डायडेमा एंटिलारम, कांटेदार काले जीव हैं जो पूरे कैरेबियन में चट्टानों में छिप जाते हैं।
ब्रेइटबार्ट ने कहा कि ये जीव कोरल पर उगने वाले शैवाल को खाकर एक तरीके से लॉनमोवर (घास साफ करने वाला यंत्र) का काम करते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर मृत्यु की घटनाओं का समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के कार्य और खाद्य वेब संरचना पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। इन शाकाहारी जीवों की मौत ने स्टोनी कोरल और बेंथिक शैवाल के बीच प्रतिस्पर्धी संबंधों में बदलाव के लिए योगदान दिया है। पिछले साल जनवरी में इन समुद्री अर्चिनों में एक अजीब लक्षण के साथ उनकी रीढ़ की हड्डी गिरने लगी और उनके शरीर से अलग होकर ताल में बैठने लगी।
रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मरने से पहले इन जीवों के सक्शन-कप अपना ग्रिप खोने लगते हैं। पहले वर्जिन द्वीप समूह, प्यूर्टो रिको और फ्लोरिडा तक के क्षेत्रों में उनके मरने का पता चला। फिर बाद में, मार्च के अंत तक, लेसर एंटीलिज, जमैका और मेक्सिकन कैरेबियन में वही स्थिति पाई गई। समुद्री वैज्ञानिकों ने पहले बीमार और स्वस्थ्य अर्चिनों से जेनेटिक संकेत पता करने के लिए सैंपल लिए। लेकिन उनमें उन्हें किसी भी बैक्टीरिया या वायरस किसी के होने का संकेत नहीं मिला।, फिर उन्होंने देखा कि, इसमें उन्हें एकल कोशिका वाले पैरासाइट, जिसे सिलियेट्स कहा जाता है, के बारे में मालूम चला। जो केवल बीमार अर्चिनों में दिखाई दिए। ये पैरासाइट मछलियों में भी बहुलता से पाए जाते हैं।
समुद्री पारिस्थितिकी विज्ञानी इयान ह्यूसन ने कहा, ‘शायद ही हमें समुद्री रोग की घटनाओं को इस विस्तार से समझने का अवसर दिया जाता है, लेकिन इसकी वजह से हमें विस्तार से अध्ययन करने का मौका मिला। कैरेबियन सागर में डायडेमा एंटिलारम की एक स्कूटिकोसिलिएट के कारण सामूहिक मृत्यु दर होती है।’ वैज्ञानिकों ने अपने शोध को पुष्टि करने के लिए कहा कि हमने अर्चिनों के हत्यारों का पता लगा लिया है, उन्होंने 10 अर्चिनों को कई सिलियेट्स के साथ लैब में रखा और पाया कि उन अर्चिनों में से 60 प्रतिशत की मौत हो गई है।
मालूम हो कि पिछले साल कैरेबियन सागर में समुद्री अर्चिनों के बीमार होने और उनकी मौत से पारिस्थितिकी का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के समुदाय में हड़कंप मच गया था। एक के बाद एक हजारों की संख्या में अर्चिंस की मौत के बाद उनके अवशेष ऐसे ही समुद्री चट्टानों पर एकत्रित होने लगे थे, जिसकी वजह से समुद्री पारिस्थितिकी में एक प्रकार की अराजकता पैदा हो गई थी।