रामनवमी के अवसर पर इस बार अयोध्या के राम मंदिर में भोग को लेकर ऐतिहासिक तैयारी की गई हैं. राम नवमी पर भव्य राम मंदिर में पहली बार 5 वर्षीय रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. जिसकी तैयारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने पूरी कर ली है. राम भक्त जैसे ही अयोध्या में प्रवेश करेंगे उनको त्रेता युगीन अयोध्या में होने का आभास होगा. जन्मभूमि पथ पर बने स्वागत द्वार से लेकर गर्भगृह तक आकर्षक लाइटें और फूलों से सजाया जा रहा है. जिससे गुजर कर श्रद्धालु त्रेता युग के उत्सव का आनंद लेंगे.

राम मंदिर में चल रही तैयारियों की जानकारी साझा करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामनवमी पर एक दिन के लिए ही 19 घंटे रामलला के दर्शन होंगे. प्रातः काल 3:30 से दर्शन करने के लिए भक्त लाइन में लग सकते हैं. सुबह 4:00 से श्रृंगार और दर्शन साथ-साथ चलते रहेंगे और सुबह श्रृंगार आरती प्रातःकाल 5.00 बजे होगी. लेकिन दिनचर्या में रामलला के वस्त्र बदलने और भोग लगाने के लिए समय-समय पर अल्पकाल के लिए पर्दा रहेगा. महासचिव ने बताया कि अभी तक सामान्य रूप से प्रातः काल 6:30 बजे के बाद दर्शन प्रारंभ होते हैं केवल एक दिन के लिए 17 अप्रैल को दर्शन की विशेष व्यवस्था लागू होगी.श्रद्धालु रात 11 बजे तक कर सकेंगे रामलला के दर्शन
चंपत राय ने बताया कि दिनभर में भगवान को पांच बार भोग लगाया जाता है. प्रातः काल 6:30 फिर 9.00 बजे बाल भोग लगाया जाता है. दोपहर 12:30 राजभोग लगाया जाएगा और फिर 4:00 नैवेद्य के रूप में अल्पाहार रामलला को समर्पित होगा और फिर शयन के पहले रात्रि में भोजन कराया जाएगा. दोपहर 12:00 बजे से पहले रामलला के जन्मोत्सव पर वस्त्र श्रृंगार किया जाएगा और 12 बजते ही पर्दा खुल जाएगा. इस दौरान रामलला के उत्सव मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद शाम को दर्शन को बिना बाधित किए शाम को 6:00 बजे संध्या आरती की जाएगी और श्रद्धालुओं के भीड़ का दबाव को देखते हुए शयन आरती की जाएगी.

चार दिन के लिए वीआईपी पास रद्द
रामनवमी पर श्रद्धालुओं की भीड़ संभावना को देखते हुए ट्रस्ट ने 16, 17, 18 और 19 अप्रैल को सभी प्रकार के वीआईपी पास निरस्त कर दिए हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार कहा कि रामनवमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. ऐसे में श्रद्धालुओं को दर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इससे बेहतर व्यवस्था को लेकर देश के विभिन्न राज्यों से आने वाली मुख्यमंत्री, राज्यपाल, न्यायाधीश सहित अन्य प्रोटोकॉल में शामिल अतिथियों को 19 अप्रैल के बाद दर्शन के लिए अयोध्या आने का निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भीड़ के दबाव को देखते हुए अयोध्या ना आए.